पृथ्वीराज चव्हाण का जीवन परिचय : Prithviraj chauhan biography in hindi :-

पृथ्वीराज चव्हाण का जीवन परिचय. पृथ्वीराज चव्हाण के मित्र. पृथ्वीराज चव्हाण और संयोगिता की प्रेम कहाणी, पृथ्वीराज चव्हाण का जन्म एवं बचपन, पृथ्वीराज चव्हाण के भाई, बहन, बेटा ओर बेटी. पृथ्वीराज चव्हाण की सेना और पृथ्वीराज चव्हाण के जीवन का सबसे बडा दुष्मण. Biography of prithviraj chauhan in hindi, frends, brother, sister, son or daughter of pruthviraj chauhan. Army and biggest life enemy of pruthviraj chauhan.

पृथ्वीराज चव्हाण को इस नाम के अलावा ओर भी काई नाम थे जैसे की भरतेश्वर, पृथ्वीराज तृतीय, हिंदुसम्राट, सपादलक्षेश्वर ओर इसके अलावा पृथ्वीराज चव्हाण को राय पिथौरा नाम से भी जाना जाता था.

आपणे पिता की मृत्यु के बाद केवल 11 वर्षीय पृथ्वीराज चव्हाण ने दिल्ली ओर अजमेर का शासन केवल संभालाही नही बलकी आपणे राज्य को कभी दूर तक फैलाया भी. पृथ्वीराज चव्हाण भारत के इतिहास मैं एकलोते ऐसे राजा थे जिनके पास भारत की सबसे विशाल सेना थी.

हालाकी पृथ्वीराज चव्हाण के मृत्यू के बाद भारत भुमी पेर आज तक एक भी पृथ्वीराज चव्हाण जैसा विर राजा हो नाही पाया. पृथ्वीराज चव्हाण भारतीय इतिहास के विर योद्धा थे. जिनोने दुष्मण से माफी मागणे से पहले मरणा पसंद किया.

🔹 पृथ्वीराज चव्हाण का परिवार और सुरवाती जीवन : Pruthviraj chauhan family or early life :-

पृथ्वीराज चव्हाण का पुरा जिवन काठीनायो से भरा हुवा था. पृथ्वीराज चव्हाण जन्म 1149 मैं हुआ था. पृथ्वीराज चव्हाण अजमेर के राजा सोमेश्र्वर और कपूरी देवी की संतान थे. परंतु उनके जन्म के 11 साल बाद उनकी पिता की मृत्यू हुई और बडे बेटे के नाते पुरे राज्य का भार उनके उपर आया.

पृथ्वीराज चव्हाण को एक भाई और बहन थी जिनके नाम हरिराज (छोटा) और बहन का नाम पृथा था, दोनो ही पृथ्वीराज चव्हाण से आयु मैं छोटे थे ईसलीय पिता के मृत्यू के बाद राज्य का शासन पृथ्वीराज चव्हाण खुद संभाला था. इतनि कम आयु होते हुये भी पृथ्वीराज चव्हाण ने अपने राज्य का काफी विस्तार किया था.

पृथ्वीराज चव्हाण अक्षय कुमार movie
पृथ्वीराज चव्हाण

🔹 पृथ्वीराज चव्हाण और संयोगिता की प्रेम कहाणी : Love stroy of prithviraj chauhan and sanyogita :-

संयोगिता कन्नोज के राजा और पृथ्वीवर चव्हाण के मित्र जयचंद्र की बेटी थी. इन दोनी की प्रेम कहाणी आज भी राज्यस्तान मैं अमर है. जयचंद्र भले ही पृथ्वीराज के मित्र थे लेकिन ओ पृथ्वीराज के साथ हिमेशा ईर्ष्या भाव रोखते थे. तो अपनी कन्या का विवाह पृथ्वीराज से कारणे के बारे मै ओ दूर दूर तक कभी नाही सोचते.

जब जयचंद्र को संयोगिता और पृथ्वीराज के प्रेम संबंधो के बारे मैं पता चला तो वो इस बात से भिलकुल भी खुश नाही थे. जयचंद्र ने अपनी कन्या संयोगिता का स्व्यंवर करणे का तय किया, और ऐसे मोके पर ओ पृथ्वीराज का अपमान करणे के लिय पृथ्वीराज के अलावा सभी राज्यो के राजकुमार को भुलाया गया केवल पृथ्वीराज को छोडकर.

परंतु ईशी स्व्यंवर से संयोगिता का उसकी मर्जी के साथ अपहरण कर के दिल्ली लेके आये और पुरे रिती रिवजो के साथ संयोगिता के साथ विवाह किया.

🔹 पृथ्वीराज चव्हाण और उनके मित्र :- Pruthviraj chauhan or friends :-

पृथ्वीराज चव्हाण के जीवन मैं उनके दो मित्र बहुत जरूरी थे. एक उनके बचपन के मित्र चंदबरदाई जो की उनके लिय किसी भाई से काम नाही थे. चंदबरदाई तोमर वंश से आते है. चंदबरदाई ने दिल्ली पर काफी समय तक राज किया था, उन्होने पृथ्वीराज चौहान के सहयोग से दिल्ली मैं पिथोरगढ़ का निर्माण किया जिसे आज भी पुराने किल्ले के नाम से जाना जाता है.

पृथ्वीराज चव्हाण के दुसरे मित्र थे जयचंद्र, पृथ्वीराज ओर संयोगिता के प्रेम विवाह से पहले दोनो काफी अच्छे दोस्त थे. 1191 मैं तराइन के पाहिले युध्द मैं पृथ्वीराज चव्हाण और जयचंद्र दोनो ने मिलके मोहम्मद गौरी को पराजित किया था.

लेकिन 1191 के तराइन यद्ध के बाद पृथ्वीवर और संयोगिता ने प्रेम विविह जयचंद्र के रजामंदी के बिना किया था. ऐसी बात से घुसा हुई जयचंद्र 1192 मैं तराइन के दुसरें युध्द मैं मोहम्मद गौरी के साथ मिल गये, और मोहम्मद गौरी और जयचंद्र ने मिलके पृथ्वीराज चव्हाण को तराइन के 1192 के युद्ध मैं पराजित किया.

🔸 पृथ्वीराज चव्हाण दिल्ली के शासक कैसे बने :- Prithviraj Chauhan Delhi Succession :-

1966 मैं पृथ्वीराज चव्हाण के जिवन मैं पहली बार ऐसा कुच हो रहा था की बिना युद्ध के पृथ्वीराज चव्हाण को दिल्ली का शासन मिला. तो बात कुछ ऐसी थी की अजमेर की महाराणी कपुरीदेवी अपने पिता की एकलोती संतान थी, तो उनके सामने बडी चिंता की बात थी की उनके मृत्यू के बाद उनके शासन को को संभालेगा.

ओ अपनी पुत्री या फिर दामाद को आपना उत्तेराधिकारी बाणानेमैं खुश नाही थी, तो कपुरीदेवी ने आपणे बेटी और दामाद के सामने अपने दोहित्र को अपना उत्तराअधिकारी बनाने की इच्छा प्रकट की और सभी के इच्छा से पृथ्वीराज चव्हाण को 1966 मैं महाराज अंगपाल के मृत्यू के बाद पृथ्वीराज चव्हाण का दिल्ली के नये राजा के रूप मैं राज्याभिषेक कीया गया.

🔸 पृथ्वीराज चव्हाण की विशालकाय सेना :-

पृथ्वीराज चव्हाण की सेना भारत के इतिहास की सबसे बडी और सबसे सफल सेना मैं से एक थी. पृथ्वीराज चव्हाण के सेना मैं 3 लाख से भी जादा सैनिक थे और 300 से भी जादा हाथी थे. पृथ्वीराज चव्हाण की सेना इतिहास की सफल सेना थी जीसके के साथ पृथ्वीराज चव्हाण 1991 के तराइन के यद्ध के अलावा और भी काफी सारे युध्द जिते थे.

इतिहास की सबसे बडी और कुशल सेना होणे के बाद भी 1992 मैं जयचंद्र की गद्दारी, अन्य राज्यो से मदत ना मिलना इन करणो की बजेसे पृथ्वीराज चव्हाण 1992 का दुसरा तराइन का युद्ध हारे.

🔹 पृथ्वीराज चव्हाण VS मोहम्मद गौरी तराइन का प्रथम युद्ध :- First battle of tarain between Pruthviraj and ghori :-

पृथ्वीराज चव्हाण अपने राज्य का हमेशा ही विस्तार किया था. अपने पिता के मृत्यू के बाद जब पृथ्वीराज चव्हाण ने 11 साल की आयु मैं राज्य के शासन के रूप मैं आये तभि से पृथ्वीराज चव्हाण को राज्य के विस्तार का महत्त्व पता था.

इस बार वह अपने राज्य को पंजाब के क्षेत्र मैं विस्तार करणा चाहते थे. लेकिन पंजाब मैं मोहम्मद गौरी का शासन था और उससे युद्ध किये बिना पंजाब मैं राज्य का विस्तार करणा नामुनकीन था. पंजाब मैं आपण राज्य विस्तार करणे की इच्छा के साथ पृथ्वीराज चव्हाण ने मोहम्मद गौरी पेर अपनी पुरी ताकत से साथ हमला बोल दिया.

इस समय पृथ्वीराज चव्हाण मोहम्मद गौरी से काफी जादा ताकतवर थे और इशी युद्ध मैं उन्हे उनके मित्र जयचंद्र से भी काफी मदत हाशील हुई थी जीसके चालते मोहम्मद गौरी को इस युद्ध मैं हार का सामना करणा पडा. यह युद्ध पंजाब स्थित तराइन नामक जगाह पेर हुआ था ईसलीय इसे तराइन का प्रथम युद्ध भी काहा जाता है जो 1991 मैं पृथ्वीराज चव्हाण ओर मोहम्मद गौरी के बीच लढा गया.

🔹 पृथ्वीराज चव्हाण VS मोहम्मद गौरी 1992 का तराइन का दुसरा युद्ध :- second battle of tarain between Pruthviraj and ghori :-

प्रथम युद्ध के बाद पृथ्वीराज और संयोगिता ने प्रेम विवाह कर लिया था, जबकी जयचंद्र इस बात से जरा भी खुश नाही थी. प्रेम विवाह से नाराज हुये जयचंद्र अन्य राज्यीको पृथ्वीराज के खिलाफ भडकाने लगे, और जब पृथ्वीराज ओर गौरी के युद्ध के बारे मैं जयचंद्र को पता चला तो वह मोहम्मद गौरी के साथ जाके मिल गये.

प्रथम युद्ध के दो साल बाद मोहम्मद गौरी और जयचंद्र ने मिलके पृथ्वीराज पर हमला बोल दिया. संयोगिता के स्व्यंबर मै जो भी कुछ हुआ था उससे अन्य राज्या भी खुश नाही थे और ऊशी बजेसे जब दूरसे युद्ध केलीय पृथ्वीराज उनसे मदत मांगणे गये तो उहोणें साफ माना कर दिया.

मोहम्मद गौरी और जयचंद्र का एक साथ आणा, बाकी राज्यो से मदत ना मिलना इन करणो के चलते 1992 के तराइन के दुसरे युद्ध मैं पृथ्वीराज चव्हाण को पराभव का सामना करणा पडा.

🔹 पृथ्वीराज चव्हाण movie की release date :

पृथ्वीराज चव्हाण के जीवन पेर आधारित movie 3 june 2022 मैं release होणे वाली है. इस movie मैं हमे अक्षय कुमार  पृथ्वीराज का किरदार करते हुये धिकायी देंगे. इसेके अलवा संजय दत्त हमे काका खान के रूप मैं धिकायी देंगे. इस फ्लिम को चंद्रप्रकाश द्विवेदी द्वारा लिखा और निर्दोशीत किया गया है.

पृथ्वीराज चव्हाण एक बडे बजेट वाली फ्लिम है, जिस्मे अक्षय कुमार और संजय दत्त के अलावा सोनू सूद चंद बादरी के किरदार मैं, manushi chhiller संयोगिता की किरदार मैं, मानव वीज मोहम्मद गौरी के किरदार मैं, और आशुतोष राणा जयचंद्र के किरदार मैं देखणे को मिलेंगे.

🔹Popular FAQ :-

1) पृथ्वीराज चव्हाण के मृत्यू के बाद उनकी पत्नी संयोगिता के साथ क्या हुआ ? What happened with prithviraj chauhans wife after his prithviraj death :-

तराइन के दुसरे युद्ध मैं पृथ्वीराज चव्हाण के हार के बाद पृथ्वीराज को बंदी बणा लिया गया. मोहम्मद गौरी का गुलाम कुतुबुद्दीन ऐबक संयोगिता के साथ हजारो महिलाओको अपने हरण मैं रखना चाहता था. परन्तु कुतुबुद्दीन ऐबक हरण करणे से प्रथम ही सभी महिलावणे अपने प्राण त्याग दिये जिसे jhuhar करणा कहते है.

2) पृथ्वीराज चव्हाण के बेटे और बेटी का नाम क्या था? What is the name of prithviraj chauhans son and daughter?

पृथ्वीराज चव्हाण के बेटे का नाम गोविंद चव्हाण था, और पृथ्वीराज को कोई कन्या नाही थी.

3) पृथ्वीराज चव्हाण को कुल कितनी पत्नीया थी? How many prithviraj chuahan have a wife ?

पृथ्वीराज चव्हाण को कुल मिलके 3 पत्नीया थी जीमेसें से उनकी सबसे प्रिय संयोगीता थी.

4) पृथ्वीराज चव्हाण किस जाती से आते है? Which cast prithviraj chauhan belongs to?

पृथ्वीराज चव्हाण एक हिंदु राजपूत थे.

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