राम चरण और साऊथ फ्लिम इंडस्ट्री के सुपरस्टार चिरंजीवी की फ्लिम आचार्य का जबसे ट्रेलर या गया तबसे काफी जादा लोगो को जनना हैं की यह फ्लिम की कहाणी क्या असली घटनावो पर अधारित हैं या नहीं. आचार्य फ्लिम का ट्रेलर आणे के बाद कई दुसरे निर्मातावोने यह बोला था की यह फ्लिम की कहाणी कॉपी या चुराई गयी हैं. इसी का जबाब देते हुये आचार्य फ्लिम के निर्मातावोने यह स्पष्ट किया की इस फ्लिम की कहाणी असली घटना से प्रेरीत हैं और इसे लिखणेका काम फ्लिम के लेखक कोराटाला शिव जिने खुद किया हैं.
तो यह बात अब पुरी साफ हैं की यह फ्लिम एक असली कहाणी पर अधारित हैं. तो यह कहानी सिद्धा जो की राम चरण और आचार्य जो की चिरंजीवी होणे वाले है उनकी हैं. दोनो ही पहले नक्सली होते है लेकिन कुछ करणोके चलते वह दोनो समाज सेवा का काम करणे लगते हैं. तो अब दो नक्सली विचारधारा रखणे वाले समाज की सेवा मैं जुट जाते हैं.
अब यह पर फ्लिम मैं एक गाव और मंदिर धिकाया जाता हैं की ऊस गाव पर कुछ लोग आपना राज चला राहे हैं और जो भी मंदिर की संपत्ती हैं उसपर आपण हक्क जमा लेते हैं और अब इसी होते हुये अन्याय के खिलाफ सिद्धा और आचार्य लढाई की सुरवात कर देते हैं.
तो कुछ ऐसे होणे वाली होगी आचार्य फ्लिम की कहाणी. जो 1967 मैं हुये कुछ नक्सली घटना पर आधारित होणे वाली हैं.
पृथ्वीराज चव्हाण के बारे मै यह पढे :-
🔸क्या होता हैं नक्सलवाद :- What is Naxalite :-
नक्सलवाद यह कुछ साम्यवादी गटो की सशस्त् आंदोलन हैं जो की आज भारतीय सरकार के विरुद्ध मैं जारी हैं. नक्सलवाद की सुरुवात कुछ 1967 मैं पहली बार पश्चिम बंगाल के नक्सलबारी गाव से हुआ था. आज जिसे भी भाग मैं नक्सली घटनाये होती है ऊस इलाकेको Red Corridor कहा गया हैं.
आज के दिन जादा तर नक्सली घटनाये दंडकारण्य-छत्तीसगढ़-ओडिशा क्षेत्र, झारखंड-बिहार और पश्चिम बंगाल के भागो मैं जादा तर धिकायी देती हैं. लेकिन 2009 के बाद भारतीय सरकार के कुछ कठोर निर्नोयोकी बाजसे आज नक्सली हमले इन इलको मैं काफी काम हुये हैं. 2009 मैं कुल 180 नक्सली हमले हुये थे तो 2021 मैं 70 हुये थे. परंतु अभी भी भारत सरकार को इस विषय पर काफी जादा काम करणा हैं.
आज के दोनो मैं जो नक्सलीयोकी हथियारो से भरी आर्मी है जिसे पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) कहते हैं. इस आर्मी मैं आज के दिन लगभग 10 से 15 हजार लोग हैं जिनके पास हिमेशा हथीयर राहते हैं.
🔸 कैसे लढते हैं नक्सलवादी :- What is warfare of Naxalite :-
आज के दिन अगर इंडियन आर्मी ( CRPF जवान) के जवान और नक्सलवदियो के बीच जंग होती हैं तो नक्सलवाद दो दिनो मैं खतम हो जयेगा. लेकिन नक्सलवादी अपनी लढाई कभी भी सामनेसे नही लढते. हो आदिवासी भागो मैं घुसकार अधिवशी गावो को लुटते हैं, गावो मैं तबाही मचाते हैं. यही कारण हैं की भारत के दक्षिणी राज्यो मैं आज भी नक्सली हमे धिकाई देते हैं.
2009 के बाद भारत इंडियन आर्मी के CRPF जवनोने काफी नक्सली हमलो का मुह तोड जवाब दिया उशि के कारण आज नक्सली हमले काफी मात्रा मैं कम हुये हैं. भारत के पुर्व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंग जिने कहा था नक्सलवाद भारत की अंतरिक शांति का सबसे बडा विरोधी और दुश्मन हैं जब तक भारत के अंदर नक्सलवादी रहेंगे तब तक भारत अंदर से कभी सुरक्षित नही होगा.
🔸 Who Support Naxalite in India :- भारत मैं नक्सलवाद साहरा देने वाले अंतरराष्ट्रीय देश और राष्ट्रीय संघटना :-
नक्सल जैसे कोई भी संघटना को खुद के दम पर इतने साल तक एक भारत जैसें मिलिटरी सशक्त देश मैं रह पाना लगभग नामुनकीन हैं. किशी भी बाहरी मदत के बीना इतने साल कोई भी हतीयरी संघटना टिक नहि पायेगी. और यही पे सवाल आता हैं की कोण हैं जो इस नक्सलवादी संघटनाओ की मदत करते हैं.
अगर नक्सली अंदर की संघटनाओ को छोड दिया जाय, अंदर की संघटना मैं वो संघटनाये आता हैं जो भारत मैं रहकार इस अंतरीक आतंवाद मदत करती हैं जैसें की झारखंड जनमुक्ति परिषद, पीपल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया, क्रांतिकारी कम्युनिस्ट केंद्र इसेके अलावा भी कई ऐसी संघटनाये हैं जो नक्सलवाद का समर्थन करती हैं और उनकी मदत भी.
इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय पटलं पर भारत मैं नक्सलवाद को पाकिस्तान और चीन जैसे देश भी समर्थन देते हैं और इन नक्सलवादी संघटनावो की मदत भी काफी हद तक करते हैं.
🔸 Major Attack Of Naxalite In India :- आज तक के नक्सली द्वारा किये गये हमले :-
सबसे पहला हमला हम उसको कह शकते हैं जिसे दिन नक्सलवादी की सुरुवात हुई 1967 मैं नक्सलबारी गाव से, तबसे लेके 3 एप्रिल 2021 तक नक्सली द्वारा काफी हमले किये गये. पिच्छले 50 साल मैं हुये हर एक हमले के बारे मैं हम यह बात नही कर शकते, तो हमने 2020 के बाद जितने हमले हुई है उनकी थोडी जानकारी आपको दि हैं.
1) 8 फेब्रुवारी 2020 :- इंडियन आर्मी के दो कोब्रा जवनोकि हत्या नक्सली द्वारा छत्तीसगड के बीजपुर जिले मैं की गये.
2) 21 मार्च 2020 :- चंदीगड पोलीस की साथ मिलकर इंडिअन आर्मी के CRPF जवनोकि नक्सलवादी के खिलाफ कारवाई चाल रही थी. इसी कारवाई के दरम्यान चंदीगड पोलीस के 17 सुरक्षाकर्मी सुकमा जिले के एल्मागुडा जंगल में माओवादी घात लगाकर मारे गए.
3) 28 नोव्हेंबर 2020 :– सुकमा जिले मैं नक्सली द्वारा एक कोब्रा कंमांडो को मारा गया और 9 कंमांडो घायल भी हुये.
इसके अलवा 21 जुलै और 20 ऑगस्ट 2020 को नक्सली द्वारा गाव के लोगो पेर हमला किया जिनोने नक्सलियो के खिलफ पोलीस केस दर्ज कियी थी.
4) 3 एप्रिल 2021 ;- दक्षिणी छत्तीसगढ़ में बीजापुर और सुकमा जिलों की सीमा पर माओवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में छत्तीसगढ़ के 14 पुलिसकर्मियों और सीआरपीएफ के 7 जवानों सहित 22 जवान शहीद हो गए। सीआरपीएफ के एक जवान को माओवादियों ने बंदी बना लिया था.
5) 23 मार्च 2021 :- छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में नक्सलियों ने आईईडी का इस्तेमाल कर 20 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को ले जा रही एक बस पर हमला किया, जिसमें 5 सुरक्षाकर्मी मारे गए। हमले में कम से कम 13 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए.
6) 3 एप्रिल 2021 :– छत्तीसगढ़ राज्य के बीजापुर जिले के जंगलों में एक माओवादी ठिकाने पर छापेमारी के दौरान, नक्सली विद्रोहियों के साथ घंटों तक चली मुठभेड़ में 30 सुरक्षाकर्मी मारे गए, और कम से कम 31 अन्य घायल हो गए.
🔸नक्सलवाद के खिलाफ भारत सरकार की नीति :- Government Policy Towards Naxalite information in hindi :-
सरकार ने माओवादी उग्रवाद की दिशा में विभिन्न स्थायी रणनीतियों पर काम किया है। 2004 से 2014 के बीच संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार द्वारा भारत की माओवादी विरोधी प्रतिक्रिया के लिए मुख्य निर्माण विभाग निर्धारित किए गए थे.
सरकार हमेशा कानून और व्यवस्था के रास्ते से इन संघटनावो के खिलफ लढाई लढती हैं. कानून और व्यवस्था को बनाये रखणे केलीय केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की लगभग 532 कंपनियों को प्रभावित राज्यों में तैनात किया गया है. एमएचए ने आतंकवाद विरोधी (सीओआईएन) रणनीति के लिए एक विशेष ‘संस्थागत तंत्र’ स्थापित किया है.
विकास और सुरक्षा उपायों के लिए समन्वित प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए कैबिनेट सचिव के अधीन ‘समीक्षा समिति’ नामक एक उच्च स्तरीय टास्क फोर्स का निर्माण किया गया हैं. इसके अलावा भी सरकार द्वारा कई कदम नक्सलवाद के खिलाफ उठाये हैं.
🔸 Popular FAQ :-
नक्सलियों से निपटने के लिए किस ऑपरेशन का इस्तेमाल किया जाता है?
ऑपरेशन ग्रीन हंट भारतीय मीडिया द्वारा नक्सलियों के खिलाफ “अर्धसैनिक बलों और राज्य बलों द्वारा चौतरफा हमले” का वर्णन करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला नाम है. माना जाता है कि ग्रीन हंट ऑपरेशन “रेड कॉरिडोर” में पांच राज्यों के साथ मिलकर नवंबर 2009 में शुरू हुआ था.
नक्सलियों को पैसा कैसे मिलता है?
नक्सलियों ने भारत के भीतर और बाहर सक्रिय उग्रवादी और आपराधिक समूहों से विदेशी हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक भी खरीदे हैं. इस तरह के शिपमेंट को तस्करी कहा जाता है. यह सब हथीयर खरीदेने केलिय पैसे जबरण वसुली और इनके समर्थन करणे वाली संघटनावो से प्राप्त होते है.
3) क्या हैं नक्सलियों की मंशा? What is aime of Naxalite?
नक्सलियों का उद्देश्य लंबे सशस्त्र संघर्ष के माध्यम से राज्य सत्ता को हथियाना है. उनके पास 2050-60 तक भी ऐसी सरकार स्थापित करने की दीर्घकालिक योजना हो शकती है. इस उद्देश्य के लिए, वे सरकारी मशीनरी ( Gove Offices) पर हमला करते हैं और जबरन वसूली करते है.